भोपाल।हार्स ट्रेडिंग के मचे भूचाल के बीच
पार्टी के वरिष्ठ विधायकों, बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों की नाराजगी को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ विधानसभा के बजट सत्र के पहले मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं।
नाराज वर्ग में कुछ को मंत्रिमंडल में तो बाकी को निगम-मंडलों में अध्यक्ष की कुर्सी पर मौका मिल सकता है। कमलनाथ कैबिनेट की इस सर्जरी में 8 नए मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है। सीएम कमलनाथ ने जूनियर मंत्रियों से चर्चा कर के उन्हें इसके संकेत दे दिए हैं। राजनीतिक अस्थिरता को कम करने के लिए नए मंत्री भी इस्तीफा देने को तैयार हैं। सीएम ने इस मामल में मंत्रियों से कहा है कि वे फिलहाल रुके, मौका आने पर यह कदम उठाया जाएगा। सूत्रों के मुंताबिक डैमेज कंट्रोल के लिए कुल 35 विधायकों-नेताओं को एडजस्ट किया जा सकता है।
जो मंत्री अपनी कुर्सी वरिष्ठ और असंतुष्ट विधायकों के लिए छोड़ सकते हैं उसमें पहली बार मंत्री बने विधायक शामिल हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह गुट के मंत्रियों को चुना गया है ताकि पार्टी के भीतर की नाराजगी को दूर किया जा सके। इसमें नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह, ऊजा मंत्री प्रियव्रत सिंह, ग्रामोद्योग मंत्री हर्ष यादव, वित्त मंत्री तरूण भनोत, सामाजिक न्याय मंत्री लखन घनघोरिया, नर्मदा घाटी विकास मंत्री हनी बघेल, पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे के नाम सामने आए हैं।जानकारी के मुताबिक बिसाहू लाल सिंह- हार्सट्रेडिंग कांड में गायब हुए, लगातार उपेक्षा से नाराज, वरिष्ठ नेता केपी सिंह- पूर्व मंत्री, वरिष्ठ नेता,हरदीप सिंह डंग- अल्प संख्यक कोटा, इस्तीफे की पेशकश से मचा बवाल,एदल सिंह कंसाना- दिग्विजय गुट के वरिष्ठ नेता,शामिल है।बसपा विधायक रामबाई, संजीव कुशवाहा, सपा विधायक राजेश शुक्ला, निर्दलीय विधाक- सुरेंद्र सिंह शेरा, कांग्रेस विधायक हीरा अलावा के साथ ही पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं को निगम-मंडल में अध्यक्ष बना कर राज्यमंत्री का दर्जा देने की तैयारी है। सरकार ने 11 निगम-मंडलों की सूची तैयार की है जहां राज्यमंत्री का दर्जा देकर अंसतुष्टो को बैठाया जा सकता है।इधर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को मध्यप्रदेश के तीन दिन के सियासी घटनाक्रम की पूरी रिपोर्ट भेजी है। दीपक बावरिया शनिवार को पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात कर इस बारे में जानकारी दे सकते हैं।